लेखनी प्रतियोगिता -26-Jun-2023
कुछ लम्हे ऐसे आते हैं
आँखें गीली कर जाते हैं।
जब नम्बर थोड़े आते थे
फिर पापा डांट लगाते थे
तब मम्मी प्यार जताती थी
घण्टों मुझको समझाती थी
पापा बेशक गुस्सा हैं तो
कुछ उनकी इच्छा भी समझो
बहना चुपके से आती थी
खाने के लिए बुलाती थी
पापा से मम्मी लड़ जाती
मुझको ममता से दुलराती
तुमसे ही सारी बाते हैं
कुछ लम्हे ऐसे आते हैं।
जब जीवन गाड़ी चली न थी
और कोई नौकरी मिली न थी
लगता था किस्मत रुठ गयी
हर आशा बिल्कुल टूट गयी
बैठे थे आंखें नीची कर
पापा ने हाथ रखा सिर पर
बोले तू क्यों शर्मिंदा है
तेरा बाप अभी तो जिंदा है
ये झोंके आते जाते हैं
पर अपने साथ निभाते हैं
अब पापा बहुत याद आते हैं
कुछ ऐसे लम्हे आते हैं।
अब जीवन है अच्छा भी है
पत्नी है एक बच्चा भी है
पत्नी प्यार जताती है
सुख दुख में साथ निभाती है
बच्चा सीने से लग जाये
तो सारी थकन उतर जाए
कुछ खोकर मैंने कुछ पाया
जीवन को आगे ले आया
परिवार मेरा खुशहाल रहे
बच्चे मेरे आबाद रहें
अब यही भाव बस आते हैं
कुछ ऐसे लम्हे आते हैं।।
।
Abhilasha Deshpande
28-Jun-2023 03:26 AM
Nice
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Abhinav ji
27-Jun-2023 08:11 AM
Very nice 👍
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Reena yadav
26-Jun-2023 08:51 PM
👍👍
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